कर्नाटक: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल का आज से कर्नाटक दौरा, जायेंगे मंदिर-मस्जिद, लिंगायत वोटों को साधना सबसे बड़ी चुनौती.......
आवाज़(मुकेश शर्मा, दिल्ली): कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी अब अपने मिशन कर्नाटक पर जुट गये हैं. राज्य में जल्द चुनाव होने जा रहे हैं और मुख्य चुनौती अपने ढहते गढ़ को बचाना है जिसे बीजेपी का कांग्रेस मुक्त भारत फेल किया जा सके. इसी के मद्देनजर राहुल गाँधी कर्नाटक में प्रचार अभियान की शुरुआत करेंगे. गौरतलब है की राहुल अपने चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत बेल्लारी से करेंगे. अपनी इस यात्रा के दौरान वो गुजरात की ही तरह मंदिरों में दर्शन करने भी जायेंगे. राजनितिक पंडितों की मानें तो राहुल गुजरात दौरे की ही भांति अपनी सॉफ्ट हिन्दू की छवि को बरकरार रखना चाहते हैं.इसलिए उनके इस दौरे में मंदिरों में जाकर दर्शन को प्रमुखता दी गयी है जिससे जनता में में एक सकारात्मक सन्देश दिया जा सके.
कर्नाटक दौरे की शुरुआत आखिर बेल्लारी से ही क्यों?
राहुल का अपने कर्नाटक दौरे की शुरुआत करने के पीछे भी एक ख़ास वजह है. दरअसल, साल 1999 में सोनिया गांधी ने अपना पहला चुनाव बेल्लारी लोकसभा सीट से ही लड़ा था. जहां उन्होंने इस सीट से बीजेपी के जाने-माने चेहरे सुषमा स्वराज को हराया था. उस चुनाव के दौरान भी राहुल गांधी कई दिनों तक प्रचार अभियान पर रहे थे. जिससे वहां के लोगों से उनकी अच्छी छवि है. साथ ही एक अलग कनेक्शन भी. इतना ही नहीं इसके बाद 2013 के विधानसभा चुनाव में सात साल बाद कांग्रेस को सत्ता में वापस लाने में इसी बेल्लारी का बड़ा योगदान था. क्योंकि 2010 में विपक्ष के नेता रहे सिद्धारमैया ने खनन माफिया रेड्डी भाईयों के विरोध में बेंगलुरू से बेल्लारी तक पदयात्रा निकाली थी. माना जाता है कि इस पदयात्रा के बाद ही लोगों के बीच कांग्रेस ने अपनी जड़ मजबूत की थी.
लिंगायत समुदाय को साधना राहुल की सबसे बड़ी चुनौती......
राहुल गांधी अपनी 4 दिन की यात्रा में 10 से 13 फरवरी तक हैदराबाद-कर्नाटक इलाके का दौरा करेंगे. इस दौरान वो बेल्लारी, कोप्पल, गुलबर्गा और रायचुर जाएंगे. कांग्रेस अध्यक्ष शनिवार को हंपी के हॉस्पेट में एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे. इसके बाद राहुल हुलीगम्मा मंदिर दर्शन करने जाएंगे और वहां से गवी सिद्धेश्वर मठ भी जाने का कार्यक्रम है. गवी सिद्धेश्वर मठ को लिंगायत मठ भी कहा जाता है. दरअसल, जिस क्षेत्र में राहुल यात्रा कर रहे हैं वहां लिंगायत समुदाय की आबादी सबसे ज्यादा है. ऐसे में राहुल का गवी सिद्धेश्वर मठ जाना इसी समुदाय को कांग्रेस के पाले में लाने की कोशिश है. लिंगायत समुदाय को बीजेपी के कोर वोट के तौर पर भी देखा जाता है. सिद्धेश्वर मठ में दर्शन के बाद राहुल येलबर्गा विधानसभा में एक जनसभा को संबोधित भी करेंगे.
गौरतलब है की कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के इस दौरे के लिए इन जिलों में कांग्रेस ने पूरी तैयारी कर रखी है. कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर राहुल पहली बार बेल्लारी और अन्य जिलों में जा रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस कार्यकर्ता उनका जगह-जगह स्वागत भी करेंगे. इन सबके साथ राहुल गांधी अल्पसंख्यक समुदाय के धार्मिक स्थानों पर भी जा सकते हैं. जानकारी के मुताबिक राहुल मंदिर-मठ के साथ दरगाह भी जाएंगे.